“लंबे जीवन जीने और बीमार न होने का सबसे प्रभावी तरीका। इससे बेहतर कोई उत्पाद नहीं है! ” एक 118 वर्षीय भारतीय 150 साल तक जीवित रहेगा।

नासिक के पास एक छोटे कस्बे में रहने वाले एक आदमी का जन्म 1898 में हुआ था, वह दो विश्व युद्ध, आजादी की लड़ाई और इमरजेंसी, सब झेल चुका है और भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को भी देखा है। गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इनका नाम देश के सबसे वृद्ध आदमी के रूप में दर्ज है। 12 फरवरी को ये वृद्ध 118 साल के हो जाएंगे।

यशवंत शिंदे ने अपने दोस्तों और दोस्तों की कई पीढ़ियाँ देखीं हैं।

शिंदे जी के 10 नाती हैं, 25 परनाती हैं और 2 परनातियों के बच्चे भी हैं। वे चेक-अप करवाने के लिए नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाते हैं। डॉक्टर हर बार यही कहते हैं: शिंदे जी बिल्कुल बढ़िया हैं।

हालांकि शिंदे जी की बहुत उम्र हो चुकी है लेकिन उन्होंने अपने शहर के बाहर की ज्यादा दुनिया नहीं देखी है और जब उनके बच्चों ने उन्हें बड़े शहर में ले जाने के लिए पूछा तो उन्होंने मना कर दिया। बच्चों को लगा कि शायद अपनी उम्र के कारण वह मना कर रहे हैं। लेकिन उन्हें बुढ़ापे की कोई चिंता नहीं है।

यशवंत शिंदे एक बड़े घर में रहते हैं जो उन्होंने अपनी जवानी में बनवाया था। वे अपने घर की देखभाल खुद ही करते हैं। उनके घर में एक 10000 स्क्वायर फिट का बगीचा भी है जिसकी भी वे खुद ही देखभाल करते हैं। शिंदे जी के पास कुछ जानवर भी हैं: एक गाय, कुछ बकरियां और मुर्गियां। दादाजी के पास यह सब काम करने की पूरी शक्ति है।

मैं उनसे मिलकर आया और उनसे बात करके उनका राज जानने की कोशिश की: बिना बीमार पड़े इतनी लंबी आयु कैसे पाई जा सकती है। उनके सामने मेज पर बैठकर बात करने से मुझे समझ आ गया था कि शिंदे जी काफी व्यस्त रहते हैं और हमने उन्हें तुरंत बता दिया कि हम उनसे मिलने क्यों आए हैं।

शिंदे जी, आप इतने बूढ़े हो चुके हैं। आपकी उम्र का आदमी तो पूरे भारत में नहीं है। आपकी दीर्घायु का कारण क्या है?

जिस किसी ने यह सवाल किया है मैं हमेशा उनसे एक ही बात कहता हूँ (पत्रकार अक्सर इस दीर्घायु व्यक्ति के पास आते रहते हैं) - दीर्घायु का राज स्वस्थ हड्डियों के जोड़ों में छुपा हुआ है। आजादी के पहले ही मुझे मीना नाम की एक महिला ने यह बताया था। हमारे कस्बे का हर आदमी अपने इलाज के लिए उनके ही पास जाता था और यहां तक कि आसपास के कई गांवों और शहरों के लोग उनके पास आते थे। उन्हें घायल सैनिकों की सेवा के लिए अंग्रेजों ने द्वितीय विश्व युद्ध में बुलाया था और वहाँ से वह कभी वापस नहीं लौटी। मैं उनके घर के बगल वाले घर में ही रहता था।

शाम को हम अक्सर बातें करते थे और मीना जी मुझे बताती थी कि अलग-अलग बीमारियों का इलाज कैसे किया जाता है। मेरी एक बहन थी और उसे अपने पैरों में कुछ समस्या थी। हमारे पिताजी ने मेरी बहन का इलाज करवाया और उनके जोड़ों का दर्द ठीक हो गया। देखिए यदि आप चल फिर नहीं सकते तो आप जीवित नहीं रह सकते। मैं इतने सालों तक क्यों जिंदा हूँ? मैं हमेशा चलता फिरता रहता हूँ। यदि मैं भी बिस्तर पकड़ लूं तो जीऊँगा किस लिए। दुर्भाग्य से 1985 में मेरे माँ-बाप चल बसे थे। मेरी बहन काफी दिन जिंदा रही लेकिन उसकी भी मौत हो गई। जब वह गुजरी थी तब 93 साल की थी। मेरे बच्चे और मैं हमेशा उसके जोड़ों की देखभाल करते रहते थे।

इसीलिए मैं कहता हूँ कि लंबे जीवन का रहस्य स्वस्थ हड्डियों के जोड़ों में है। हमें अपनी हड्डियों की गद्दी को बीच-बीच में ठीक करते रहना चाहिए। लेकिन ऐसा कौन करता है और इसीलिए लोग इतने ज्यादा जिंदा नहीं रह पाते। जो लोग शहरों में रहते हैं उनके लिए भी यह बात लागू होती है। शहर के लोग ज्यादातर दवाइयां वगैरह लेकर यह सोचते हैं कि इससे उन्हें आराम मिलेगा। जब मैं अपने नाती के पास रहने के लिए शहर गया था तो मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ। वहां के लोग तो 7 साल में ही बीमार पड़ गए हैं और कितनी भी दवाइयां खा ले कोई फायदा नहीं होता। देखिए यह सब रसायन है यदि इनसे आपके जो ठीक हो सकते तो मेरे जैसे स्वस्थ और एक्टिव नहीं होते।

शिंदे जी, क्या आप मानते हैं कि जिन लोगों की तबीयत खराब रहती है वे यदि अपने हड्डियों के जोड़ों का ख्याल रखना शुरु कर दें तो उनकी आयु बढ़ सकती है?

बिल्कुल! जरूर बढ़ेगी। जरा सोचिए, हमारे पूरे शरीर में हड्डियों के कितने सारे जोड़ होते हैं और इनकी मदद से ही हम चल फिर पाते हैं। हम जितना चलेंगे फिरेंगे, हमारे शरीर को उतना ही अच्छा महसूस होगा। एक पुरुष का स्वास्थ्य उसके हड्डियों के जोड़ों के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। समय के साथ जोड़ घिस जाते हैं और शरीर में नमक इकट्ठा होकर जोड़ों में जम जाता है। जब जोड़ों की गद्दियाँ घिसने लगती हैं तो आप को चलने-फिरने में दिक्कत होने लगती है। आखिर में हड्डियां एक दूसरे पर घिसने लगती हैं जिससे बहुत दर्द होने लगता है। जब दर्द होता है तो लोग चलना-फिरना पूरी तरह बंद कर देते हैं और दिन भर बिस्तर पर या कुर्सी पर बैठकर अपनी तबीयत और खराब कर लेते हैं। जब आदमी चलता-फिरता नहीं है तो उसकी किडनी,हार्ट,पेट,लीवर सब अंगों में समस्या शुरू हो जाती है। यहां तक कि दिमाग में भी दिक्कत हो जाती है। जरा सोचिए यदि मैं गाय को रोज खाना नहीं खिलाऊंगा तो बीमार पड़ जाऊंगा! आप जितना ज्यादा चलेंगे आपके अंगों को ठीक होने का उतना ही ज्यादा मौका मिलेगा।

देखिए, हर कोई मेरी जितनी आयु तो नहीं पा सकता लेकिन लोगों का जीवनकाल काफी बढ़ सकता है। कम से कम 5 से 10 साल तो आराम से बढ़ जाएगा। पुराने जमाने में जब हम लोग इतनी दवाइयां नहीं खाते थे तो लोग इतने बीमार भी नहीं होते थे।

मुझे एक वाकया याद है। दिल्ली से एक आदमी ने मुझे एक चिट्ठी भेजी थी। उसकी पत्नी को बहुत बुरा आर्थराइटिस हो रखा था और वह बिस्तर पकड़े हुई थी। डॉक्टर ने तो कह दिया था कि अब यह ज्यादा दिन नहीं बचेगी और भगवान का ही सहारा है। उसने मुझसे कहा था कि क्या मैं उनका इलाज कर सकता हूँ। मैंने उसे कुछ ऐसा बताया जो उन्हें नहीं पता था। मैंने उनसे कहा कि आप उनकी हड्डियों के जोड़ों का इलाज करवाइए। मुझे और कोई तरीका नहीं पता है और मैं खुद भी हमेशा यही करता आया हूँ। आज वह महिला जीवित है, पूरी स्वस्थ है और उसे आर्थराइटिस की कोई दिक्कत नहीं है। तबसे उनका पूरा परिवार अपने जोड़ों को ठीक करने में ही ध्यान लगा रहा है। मैं उन्हें हर बार उनके जन्मदिन पर फोन करता हूँ। ऐसे कई वाकये हैं जो मैं आपको बता सकता हूँ।

पत्रकार मुझसे हमेशा इसके बारे में पूछते रहते हैं और मैं हमेशा एक ही जवाब देता हूँ। लेकिन मुझे समझ में नहीं आता कि लोग सुनते क्यों नहीं है। मुझे तो देसी औषधि से ही फायदा हुआ है! यदि आप अपने जोड़ों की देखभाल कर लेंगे तो आप लंबी आयु तक जिएंगे और सबसे बड़ी बात आप स्वस्थ रहेंगे! देखिए, यदि आपको बिना बीमारी के लंबा जीवन मिल जाए तो इससे बड़ी नेमत और कोई नहीं होती।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 91% तक दूसरी बीमारियां खराब हो चुके जोड़ों के कारण होती हैं: यह पाचन तंत्र की बीमारियों से लेकर, लकवे और हार्ट फेल तक के लिए जिम्मेदार माना गया है।

तो आप अपने जोड़ों को ठीक करने के लिए खुद क्या करते हैं? क्या आप हमारे पाठकों को अपना राज बता सकते हैं?

देखिए मुझे अपनी देखभाल खुद करने की आदत है। मैं हमेशा जंगल से खास तरह की औषधियां इखट्ठी कर कर लाता हूँ। पहले तो मैं बहुत ज्यादा एक्टिव रहता था, जंगल में कई किलोमीटर तक अंदर जाकर दुर्लभ औषधीय ढूंढ कर लाता था और उन्हें सुखाकर अपने लिए ले बनाता था। ऐसा करके मैं हर साल अपने जोड़ों को ठीक करता था। देखी इससे ज्यादा करने की जरूरत भी नहीं थी क्योंकि जोड़ों में नमक और दूसरे खनिज इतनी जल्दी नहीं जमते हैं। आपको बस जंगल में एक बार जाना है, और औषधि ढूंढ कर लाना है।

हां, लेप बनाने में बहुत मेहनत लगती थी और 15 साल पहले मैंने इसे बंद कर दिया। मेरा सबसे बड़ा बेटा बाहर रहता है और वह मेरे लिए इसी तरह की एक दवाई कहीं बाहर से मंगवा कर मुझे डाक से भिजवा देता है। हमारे गाँव का डाकिया नामदेव इसे मेरे घर में दे जाता है। यह तो दूसरी औषधियों से भी बेहतर है। अपनी खुद की दवाई बनाने में बहुत ज्यादा मेहनत लगती है। मैं अभी स्वस्थ हूँ लेकिन देखिए उम्र बढ़ गई है तो पहले जैसी ताकत नहीं रह गई है। आप उम्र बढ़ने की गति को धीमा तो कर सकते हैं लेकिन उसे रोक नहीं सकते।

इस नुस्खे को कहते क्या है?

देखिए मुझे अब इसका नाम तो याद नहीं है। मुझे बस उस दवाई के पैकेट का कलर याद है, उसका लाल और सफेद रंग का पैकेट आता था जो मैंने फेंक दिया। आपको यदि पूछना है तो मेरे बेटे से उसका नाम पूछ लीजिए मैं आपको उसका फोन नंबर दे देता हूँ। बस दिक्कत यह है कि वह मुंबई में रहता है और बहुत बिजी रहता है इसलिए शायद फोन ना उठाए ...

शिंदे जी अपने घर के एक दूसरे कमरे में गए और कुछ ढूंढने लगे। इसके बाद वे एक पुराना रजिस्टर लाए जिसमें उन्होंने बहुत सारे फोन नंबर लिखे हुए थे।

उनकी सलाह मानकर मैंने मुंबई में उनके बेटे को फोन लगाया और उसे इस प्रोडक्ट के बारे में पूछा। तब जाकर मुझे पता चला कि उनका बेटा तो मुंबई में एक हड्डियों का डॉक्टर है। उसने मुझे बताया कि वह अपने पापा के लिए अक्सर यह प्रोडक्ट भेजता है जो जोड़ो को ठीक करने और उन में इकट्ठे हो चुके नमक को दूर करने के लिए एक cream है। लेकिन यह Cream पूरी तरह से देसी दवाई है और इसका नाम है "Flexibility" और ऐसे मुंबई इंस्टिट्यूट ऑफ क्लीनिकल ऑर्थोपेडिक्स वेबसाइट से मंगाया जा सकता है।

मैंने उनके बेटे से इस Cream के असर और यह कैसे काम करती है इसके बारे में भी पूछा। मैंने उनसे यह भी पूछा कि जो लोग बूढ़े हो चुके हैं यह जो रिटायर होने वाले हैं उन्हें अपने जोड़ों को ठीक करना और उसे साफ करना कितना जरूरी होता है।

अरविंद शिंदे, यशवंत शिंदे के पुत्र।

जो लोग बिना बीमार पड़े लंबी आयु पाना चाहते हैं उनके लिए अपने जोड़ों को साफ करना और उन्हें ठीक करना आवश्यक है। जिन लोगों को हड्डियों की बीमारियां हैं जैसे आर्थ्रोसिस और अर्थराइटिस उनके लिए तो यह विशेष फायदेमंद है। आर्थ्रोसिस और अर्थराइटिस के इलाज के लिए हड्डियों में जमा हो चुके नमक को निकालना बहुत जरूरी होता है।

यही नहीं, यदि आपको हड्डियों के अलावा दूसरी तरह की बीमारियां हैं तो भी जोड़ों को ठीक करने से बहुत फायदा होता है। उदाहरण के लिए, यदि मरीज को लीवर का किडनी की दिक्कत है तो उसे शारीरिक व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। यदि आपके जोड़ स्वस्थ होंगे तो इससे शारीरिक क्रिया का स्तर बढ़ जाता है और इलाज ज्यादा प्रभावशील होता है।

Flexibility Cream भारत में उपलब्ध है और इससे जोड़ों से लवण की सफाई करके उन्हें कम से कम समय में ठीक करने में मदद मिलती है - इसमें केवल 14 दिन लगते हैं और इतने ही दिन का यह कोर्स है। इस्लाम में एक बहुत ही खास अवयव है जिसका नाम है बॉयोजेनिक प्रोपोलिस। यह जोड़ों की गद्दियों के अंदर जाकर उन्हें अंदर से मजबूत करता है। यही कारण है कि जोड़ों के ऊपर कि वह परत वापस आ जाती है जो रोजाना के कामों और चोट वगैरा के कारण घिस जाती है।

मार्स सिंकेफोइल

महीन रक्त कोशिकाओं की दीवारों को सामान्य करके मजबूती देता है। उनकी लचक और घिसने के प्रति प्रतिरोध को बढ़ाता है।

फिर ऑइल मैक्रोमोलेक्यूल

जोड़ों के ऊतकों की सूजन दूर करते हैं

अल्फ़ा-आर्ट्रोफ़ीरोल

ओर्टो-साल्ट डिपॉज़िट नष्ट कर देता है। उन्हें नर्म करके बाहर करने में मदद करता है।

लाल जड़

रक्त की धमनियों को मजबूत करती है

अलताई हिरण के सींग की कोशिकाएँ

जोड़ों के ऊतकों को वापस ठीक होने की प्रक्रिया तेज करती हैं। लगाने के तुरंत बाद दर्द दूर कर देती है

सनौबर के पेड़ की छाल के अल्फ़ा तत्व

साइनोवियल तरल के प्रवाह को सामान्य करता है

पोटेशियम

शरीर से अतिरिक्त पानी बाहर निकालता है

सोडियम

सूजन दूर करता है जो अक्सर आर्थेराइटिस और ऑस्टियोकोंड्रोसिस में देखने मिलती है

फास्फोरस

जोड़ों की नलिकाओं को तों करके उनके कार्यकलाप को स्थिर करता है

कैल्सियम

ऐन्ठन आने की संभावना कम कर देता है

Flexibility कहाँ से ऑर्डर किया जा सकता है?

आप इंस्टीट्यूट ऑफ क्लीनिकल ऑर्थोंपेडिक्स, नई दिल्ली के एक ड्रॉ में हिसा लेकर Flexibility पा सकते हैं जो तक चलेगा।

मैं बस आपको एक चीज बताना चाहता हूँ कि इस साल कॉन्ग्रेस ऑफ इंडियन डॉक्टर्स ने इस पर चल रहे डिस्काउंट के लिए राशि को सैंक्शन करने से मना कर दिया है। इसका नतीजा यह है कि हम पिछले साल की बची हुई राशि को ही उपयोग कर रहे हैं और यह ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है। जिन लोगों को इस Cream से अपने जोड़ों को ठीक करना है मेरी तो उन्हें यही सलाह है कि उन्हें जितनी जल्दी हो सके इस ड्रॉ में हिस्सा ले लेना चाहिए क्योंकि यह अवसर ज्यादा दिन तक नहीं चलेगा।

जिन लोगों ने Flexibility आर्डर की थी उन लोगों का एक सर्वे किया गया। उनसे पूछा गया कि उन्हें Cream से अपना स्वास्थ्य सुधारने में कितनी मदद मिली। इस साल आज तक 5000 लोगों ने सर्वे में हिस्सा लिया है।

सर्वे के नतीजे:

  • जोड़ों से संबंधी बीमारियों के कारण चलने-फिरने पर लगे प्रतिबंध हट गए, आर्थेराइटिस और ऑस्टियोअर्थराइटिस ठीक हो गए - 97% प्रतिभागी;
  • जोड़ों की चटक और उनसे आने वाली आवाज़ आना बंद हो गई - 96% प्रतिभागी;
  • जोड़ों का दर्द ठीक हो गया - 98% प्रतिभागी;
  • सरदर्द दूर हो गया -73% प्रतिभागी;
  • लंबी बीमारी के इलाज की प्रभावहशीलता बढ़ गई - 91% प्रतिभागी;
  • सेहत में बेहतरीन सुधार - 98% प्रतिभागी.

चेतवानी! नक्कालों से सावधान!

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मनीष तिवारी

इतने बढ़िया लेख के लिए धन्यवाद, मैंने भी Flexibility ड्रॉ में हिस्सा लिया और 98% डिस्काउंट मिल गया।

संजीव जोशी

बहुत ही बढ़िया चीज है। मैं तो इसके लेखक से पूरी तरह सहमत हूँ। मुझे हमेशा घुटनों में और पीठ में दर्द रहा करता था... जब मैंने Flexibility से अपने जोड़ों को ठीक करना शुरू कर दिया तो मेरी दूसरी बीमारियां भी गायब हो गई। मैं तो हर किसी को इसकी सलाह देता हूँ।

विनोद राजपूत

मैंने अपने जोड़ों को इसी Cream से ठीक किया। आर्थराइटिस के इलाज के लिए प्रसिद्ध एक बड़े ऑर्थोपेडिस्ट ने मुझे यह लगाने के लिए कहा था। मैं 65 साल का हूँ और 10 साल से मेरे घुटनों में बहुत दर्द रहता है। पिछले कुछ महीनों में तो दर्द इतना बढ़ गया था कि सहन ही नहीं होता था और जोड़ों में सूजन भी आने लगी थी। मेरा एक बचपन का दोस्त डॉक्टर है और उसने मुझे इसके बारे में बता कर 3 महीने पहले cream खरीदने को कहा। अब मेरे जोड़ पूरे ठीक हो गए हैं। यह cream तो एक जादू है जादू।

महेश भंडारे

इस प्रोडक्ट से मुझे बहुत फायदा हुआ है। मेरे घुटने सूजे रहते थे और मैं ने 9 साल तक नरक भोगी है। मैं तो अपनी पूरी जिंदगी दवाई भी लेने को तैयार था लेकिन आखिर में Flexibility के एक ओर से फायदा हो गया और अब घुटनों की सूजन चली गई। मैं तो हर किसी को इसकी सलाह दूंगा - इससे फायदा जरूर होगा!

आरती दुबे

दादाजी आपका धन्यवाद, आपने ये सब बताया।

दीप्ति अग्रवाल

धन्यवाद! कितनी नई चीज पता चली! मुझे ये डिस्काउंट पर मिल गई और बताया गया है कि ये अगले हफ्ते डाक में आ जाएगी। इंतज़ार नहीं नहीं हो रहा।

दिनेश गंगर

मुझे Flexibility पसंद आई। मैंने इसे पिछली गर्मी में लगाया था। मेरी पीठ ठीक हो गए! अब दर्द नहीं होता, जोड़ पूरे ठीक हैं। बड़े आश्चर्य की बात है।

आशुतोष परिहार

मैंने इसे बनाने की जानकारी पड़ी। बढ़िया है!

अतीत पंसारी

सबसे बढ़िया Cream खुद ट्राय की!

रमेश चंद्र गुप्ता

मैं नियमित रूप से अपने जोड़ ठीक करता हूँ। मेरी उम्र 83 की हो चुकी है। मेरे दोस्त तो बहुत पहले मर चुके हैं।

कमला जैन

मुझे Flexibility पर 50% डिस्काउंट मिला। मेरे परिवार में सब को ओस्टियोकांड्रोसिस है और बिगड़ जाती है। मैं पूरी जिंदगी इसकी दवाई खाती आई हूँ लेकिन इससे होने वाले चक्कर और सर दर्द से बहुत परेशान हूँ। अब जबसे मैंने Flexibility उपयोग करना शुरू किया है तो बहुत अच्छा लगने लगा है। इसने मेरी जिंदगी बचा ली।

महेश कुमार बिलगैयाँ

मेरा एक पड़ोसी हमेशा अपनी बीमारियों को लेकर रोना रोता रहता था। उसे पेट से लेकर हार्ट तक सब समस्याएं थी। लेकिन पिछले महीने मैंने देखा कि वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया और बड़ा खुश है उसका उसने बताया कि उसे किसी ने Flexibility लेने को कहा था। वह 74 साल का है।

लता पुजारा

धन्यवाद। मैंने अपने पति के लिए ऑर्डर की। जब ऑर्डर दिया तो मैंने पूछा कि और पैक बचे हैं क्या। उन्होंने बताया कि कुछ बचे हैं, 500 से भी कम। यदि आपको डिस्काउंट चाहिए तो ऑफर में हिस्सा लेना पड़ेगा।

एमी गिलियन

धन्यवाद!

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